सोमवार, १९ सप्टेंबर, २०११

कांटों के दिए ज़ख्म तो भर जाते हैं जल्दी ;

कांटों के दिए ज़ख्म तो भर जाते हैं जल्दी ;
जो मिला करते फूलों से ,उन्हें नासूर कहते हैं .
जिगर पे ज़ख्म होता है ,कलम से खून बहता है ;
जहाँ शायर की हो खेती ,मोहब्बत उसको कहते हैं.

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